Thursday 12 December 2013

जन लोकपाल के बारे में व्ही. नारायण सामी जी को चिठ्ठी...

दि. 12 दिसंबर 2013
भ्र.वि.. 45/2013-14

प्रति,
मा. श्री नारायण सामीजी
राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय

महोदय,
       जैसे की आप जानते है, जनलोकपाल बील को पारित करने की मांग को लेकर मैने 10 दिसंबर 2013 से अपना अनशन अपने गांव रालेगणसिद्धी मे शुरु किया है। आप यह भी जानते है कि लोकसभा मे पास हुवा लोकपाल बील स्टँडींग कमिटी ने भी पास किया राज्यसभा मे गया था। राज्यसभा के सिलेक्ट कमिटीने अपनी रिपोर्ट सरकार को 23 नवम्बर 2012 को ही सौंप दी है, और कोई एैसी वजह दिखाई नही देती जिस से जनलोकपाल बील को पारित करने में कोई समस्या हो। लेकिन एक साल बीत गया अभी तक लोकपाल बील सरकार ने राज्यसभा मे नही रखा गया।
         आपने मुझे जो पत्र भेजा है वो आप की जानकारी के लिये मै फिर से यहा प्रस्तूत कर रहा हूँ। शीतकालीन सत्र 2012 मे इसे आना था, नही आया। फिर आपने पत्र लिखा, मुझे आश्वस्त किया कि बजट सत्र मे आयेगा, तब भी नही आया। फिर वर्षाकालीन सत्र मे बील लायेंगे ऐसा पत्र आया था लेकिन बील नही आया, और अब शीतसत्र शुरू है।  आपने बार बार आश्वासन देकर भी बिल राज्यसभा मे ना आने का कारण समझ मे नही आता। अधिवेशन से दो दिन पहले हमने पता किया था लेकिन शीतकालीन अधिवेशन के कार्य सूची मे बील का नामनही है। और अधिवेशन शुरू होने के बाद भी इस सत्र की कार्यसूची मे भी बील शामिल नही है। इसका साफ मतलब है कि, सरकार मुझे और पुरे देश को धोखा दे रही है। आप की सरकार ने धोकाधडी की इसी कारण चार राज्यों मे जो चुनाव हुये उसमे जनता ने गुस्से मे आकर आप की पार्टी को सबक सिखाया है। अगर इस सत्र दौरान बील नही आया तो देश मे होनेवाले लोकसभा चुनाव मे जनता आपके सरकार एवं पक्ष को सबक सिखायेगी। अतः विना विलंब समाज और देश के भलाई के लिए  
         बील पारित होना बेहद जरूरी है। कल प्रसार माध्यमों से आपने कहा कि, इसी सत्र मे सरकार कानून बनवायेगी। अतः उनकी सूचना आपने राज्यसभा सचिवालय को दी है। हैरानी की बात यह है कि, जब सत्र शुरू होने के दो दिन पूर्व हमने जानकारी ली तब पता चला की यह बील सदन की कार्यसूची मे अभी तक शामिल नही है और अभी तक कार्यसुची मे बील नही है तो इस सत्र मे बील कैसे लायेंगे। जनलोकपाल बील जैसे अहममुद्दे पर सरकार का यह रवैय्या बेहद गैर जिम्मेदाराना और जनतंत्र को बडा धोखा है। मै फिर एक बार दोहराता हूँ कि, बिना जनलोकपाल बील पारित हुये मै अपना अनशन खत्मनही करुँगा। देश के लिये अंतिमबलिदान के लिए मै तय्यार हूँ।

भवदीय,
कि.बा.तथा अण्णा हजारे

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