Saturday 18 October 2014

काले धन के बारे में प्रधानमंत्रीजी को चिठ्ठी...

प्रति,
सम्माननीय श्री नरेंद्र मोदीजी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार,
रायसीना हिल्स, नई दिल्ली.


महोदय,

हमारे देश में गैरकानुनन व्यवहारोंके जरीये इकठ्ठा किया हुवा काला धन विदेश में छुपानें की राष्ट्रविरोधी गतिविधिया स्वतंत्रता के बाद एक बहुत बडा आर्थिक प्रश्न बनकर रह गयीI  जहां एक तरफ देश का आम आदमी महंगाई एवं भ्रष्टाचार से संत्रस्त है, वहीं दुसरी ओर वरिष्ठ स्तर पर बडा भ्रष्टाचार करनेवाले अपने काले धन को विदेशोमे छुपाकर दिन-ब-दिन अपनी गैरकानुनन आय बढाने में जुटे हैI इस प्रश्न को लेकर पुरे देश में लगातार चर्चा चलती रही हैI इस मुद्दे को लेकर पूर्व रालोआ सरकार पर लोगोंका एवं आंदोलनोंका दबाव बढ गया थाI लेकिन उस सरकार द्वारा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर कोई कोशिश नही की गयी; नतीजन जनमत लगातार उस सरकार के खिलाफ जाकर रह गया I

ऐसी स्थिती में लोकसभा चुनाव के पूर्व आपने अपने प्रचार द्वारा देश को आश्वस्त किया था कि, आपकी सरकार सत्ता में आने के बाद एक सौ (१००) दिनोंमे काला धन वापस लाने के लिये प्रतिबद्ध होगीI देश की जनता आपको सरकार बहाल करने के पश्चात हर्षोल्हास के साथ आशा कर रही थी कि, अब काला धन अवश्य वापस आयेगा और पुरे देश को भ्रष्टाचार, महंगाई से राहत मिलेगीI शपथग्रहण के तुरंत बाद आप ने एक एस.आय.टी. (जांच टीम) के गठन की घोषणा भी की थी जिसके कारण लोगोंकी उम्मीद बढ रही थीI

कल जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने ह्लफनामा दे दिया की काला धन छुपानेवाले लोगों के नाम उजागर नहीं किये जा सकते, तब सब को ही आश्चर्य का झटका लगाI सौ दिनों में काला धन वापस लाने की घोषणा करते समय इस पर सोचा जाना चाहिये था, क्योंकी यह करने में जो तांत्रिक कठीनाईयां थी (जिनका जिक्र हलफनामे में है)  वह तो प्रचार के दौरान लोगों को आश्वस्त करते वक्त भी मौजूद थीI  आम जनता में अब संदेह होने लगा है की काला धन वापस लाने की घोषणा क्या मह्ज एक चुनावी घोषणा थी? चुनाव के दौरान आपने बार बार जनता से वादा किया था की, भ्रष्टाचार के खिलाफ कारगर कदम उठाना आप के सरकार की प्राथमिकता होगीI अब आप की सरकार करीबन पांच माह पुरे कर चुकी है, लेकिन चाहे वो काले धन की बात हो या लोकपाल नियुक्ती की, कोई कदम उठाये दिखते नही हैI इससे लोगो को आशंका हो रही है की कहीं भ्रष्टाचार मुक्त भारत की घोषणा वोट बटोरने का महज एक चुनावी तंत्र तो नही था?

लोकसभा चुनाव के उपरांत आपकी जपान एवं अमरीका यात्रा के दौरान आप ने जो भाषण दिये, उससे देश प्रभावित हुवा; मै खुद भी बहुत प्रभावित हुवा था, लेकिन दुख के साथ कहना पड रहा है की कथनी और करनी में बहुत अंतर पड रहा है I जनता ने पिछले ६७ सालोमे अनुभव किया है की मात्र भाषण से परिवर्तन संभव नही है, कथनी और करनी को जोडना जरुरी हैI संत कबीर कहते है,

“कथनी मिठी खांड सी, करनी विष की लोय I
कथनी छोड करनी करे तो, विष का अमृत होय II”        

देश की जनता की ओर से मै बिनती करता हुं की, इस मुद्दे पर सरकार कडा रुख अपनाये I सार्वजनिक मामलों में तांत्रिकता को नही, नैतिकता को महत्व दिया जाना चाहिये I काला धन छुपाने वाले बेईमानों के नाम तुरंत उजागर किये जाने चाहिये, चाहे सरकार को कितनी भी तांत्रिक दिक्कते क्यो न हो I आनेवाली हर दिक्कत एक कसौटी होती है, लेकिन इस कसौटी में पुरा देश आपके साथ अवश्य खडा रहेगा  एवं दिक्कतें भी दूर हो जायेगीI  सत्य परेशान जरूर होता है, पराभूत नही I अगर जनता का ‘काला धन वापस लाया जा सकता है’ यह विश्वास टूट गया तो दिक्कते बढेगी, कम नही होगी I  

आप के पास सत्ता का बडा अनुभव हैI मै तो एक फकीर हुं, जिसके पास कोई धन-दौलत नही, कोई सत्ता नही, बस है तो राष्ट्रप्रेम है I मैने पच्चीस साल का था तब से संकल्प किया है जब तक जिउंगा, समाज और देश की सेवा के लिये ही जीऊंगा और जिस दिन मरुंगा, देश और समाज के लिये ही मरुंगा I बढता हुवा भ्रष्टाचार मुझसे कभी सहन नही होता, अत: काले धन के मुद्दे पर भी मैने कडा रुख अपनाया था और अपनाउंगा I इसीलिये मैने आपको यह पत्र लिखा है I

मै आपको स्मरण देना चाहता हुं की, लोकपाल और अन्य मुद्दोंको लेकर मैने २८ अगस्त को आपको एक पत्र लिखा था जिस पर कोई जबाब नही मिला I उस पत्र की प्रतिलिपी भी संलग्न कर रहा हुं I आशा है आप सभी मुद्दोपर विचार करेंगे एवं उचित निर्णय लेंगे I

मैने विगत पैतीस सालों में कई आंदोलन किये,  लेकिन किसी व्यक्ति या पक्ष पार्टी के विरोध में नही, केवल समाज और देश की भलाई के लिये I काला धन वापस लाना देश का अहम मुद्दा है और जरुरत होने पर मै इस मुद्दे पर फिर आंदोलन करने से पीछे नही हटूंगा I आशा है सरकार इस पर कडे से कडे कदम उठायेगी, चाहे कितनी भी दिक्कते क्यो न आये I

धन्यवाद और दिवाली की शुभ-कामनाओं के साथ,

भवदीय,


कि. बा. तथा अण्णा हजारे   
(रालेगणसिद्धी, 18 अक्तुबर 2014)                 

4 comments:

  1. Pranam ,.aapket rashtr ke prati kiye kathin tap vyarth nahi jayenge ...........hriday se sadhuvad .............ishwar aapko dirgayu ewam swasth rakhe ..................

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  2. Resp Anna Saheb Lagata hai aapko ek baar phir janta ke samne aana hoga.

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  3. Respected anna ji
    aap ka sanghars bekar nahi jayega or badlaw aayega wo badlaw aapka bhakt arvind kejriwal layega aap layegi.

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  4. अन्ना हजारे जी आपको साहित्य दुबे का साथ देना चाहियेउनके पास काला धन विदेश भेजने के ठोस सबूत है मामला उच्च स्तरीय है वे अकेले open नही कर पा रहे है उनका मो०9793941120 है

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