Thursday 26 March 2015

पुंजीपतियों से आर्थिक सहायता मिलने के आरोपोंं के बारे में...

अण्णा हजारे के आंदोलन को पुंजीपतीयों से आर्थिक सहायता मिलती है,
आंदोलन के लिए विदेश का पैसा आता है। एैसे झुठे आरोपों का खंडन...

इस देश के सर्वांगिण विकास के लिए ग्रामिण विकास और विकास में लगा भ्रष्टाचार का परक्युलेशन को रोकना एक ही सिक्के के दो पैलू है। यह दोनों बाते जब तक नही होंगी तब तक इस देश का शाश्वत विकास होना संभव नही है। स्वामी विवेकानंदजी के विचारों की प्रेरणा और महात्मा गांधीजी के विचारों के प्रभाव से मै ने जीवन के 25 साल की उम्र मे अपना जीवन समाज और देश की सेवा में देने का निश्चय किया। साथ-साथ अविवाहित रहने का भी निश्चय किया। आज मेरी उम्र 77 साल की हुई है। वही विचार कायम है।
रालेगणसिद्धी नाम के मेरे 2500 आबादी के गावं को आदर्श गावं (मॉडेल व्हिलेज) बनाने का प्रयास किया। पिछले 12 साल में आठ लाख देश-विदेश के लोगोंने इस गांव का निरिक्षण किया है। आज भी हर दिन लोग गांव देखने आते है। 1990 मे भ्रष्टाचार को रोकने की मुव्हमेंट शुरु की। उससे सूचना का अधिकार जैसे सात कानून महाराष्ट्र मे बनाए गये। छह कॅबिनेट मंत्री और लगभग 400 अधिकारीयों पर कार्रवाई हुई है। भारत सरकारने लोकपाल, लोकायुक्त कानून बनवाया है।
लेकिन आज तक इस काम के लिए कभी भी विदेश का पैसा नही लिया। एवं हमारे देश के उद्योगपतीयों का डोनेशन भी नही लिया है। जब मै दौरे करता हूँ, सभा लेता हूँ वहा झोला रखता हूँ और जनता से बिनती करता हूँ की 5/10/15 रुपया झोला में डालो। हर सभा मे 500/700/1000 रुपया जमा होता है। उसका एक-एक रुपया का हिसाब जनता को देता हूँ। आर्थिक व्यवहार कभी भी गोपनीय नही रखा है।
जो भी बँक व्यवहार किया है वह पारदर्शी किया है। गोपनीय कुछ भी नही रखा है। फौज कि पेन्शन बारह हजार रुपया महिना मिलती है। उस पर मेरा गुजारा होता है। उस मे से बची हुई कुछ रक्कम कई बार समाजसेवा के लिए खर्च करता हूँ। आज तक किसी के सामने पैसों के लिए हाथ नही फैलाया। आज भी जीवन में कही पर बँक बॅलन्स नही रखा है। लेकिन जब मै भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन चलाता हूँ तो, कई पक्ष और पार्टी के नेताओं को वह ठिक नही लगता। इस लिए कई लोग मेरी मानहानि करने की कोशिश करते है। कुछ दिन पहले अखबार मे पढने मे आया है कि, अण्णा हजारे के आंदोलन को पुंजीपतीयों का पैसा आता है। अण्णा हजारे के आंदोलन मे विदेशी पैसा आता है।  अगर किसी ने यह साबित किया कि, हमारे आंदोलन को बाहर का पैसा आता है तो, उसी दिन से मै अपने सामाजिक कार्य से संन्यास ले लुंगा।
       सतहत्तर साल की उम्र में अविवाहित रहते हुए बेदाग जीवन बिताना इतना आसान नही है। लेकिन भगवान की कृपा से जीवन में शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन, त्याग, अपमान पीने की शक्ती मिलने के कारण जीवन में छोटा सा भी दाग नही लगने दिया। मेरी मानहानि के साथ साथ कई लोग बार-बार तुम्हारा मर्डर करेंगे, तुम्हारा खुन करेंगे, नथुराम गोडसे ने जीस प्रकार महात्मा गांधीजी की हत्या की थी, उसी प्रकार की हत्या करने की तयारी में लगे है, अब तुम्हारी हत्या करनेवाले है, एैसी धमकीयां देते है। अभी अभी कॅनडा से भी धमकी आयी है।
लेकिन मैने जीवन में तय किया है कि, जब तक जिना है तब तक समाज और देश की सेवा करनी है और जीस दिन मरना है, समाज और देश की सेवा करते करते ही मरना है। अब मृत्यू का भय नही रहा है। मृत्यू पहले ही मर चुका है।
कई लोग मेरे उपर झुठे आरोप लगा कर जनता को गुमराह करने की कोशिश करते है। इसलिए सच क्या है, यह जनता को बताने का प्रयास किया है। अगर किसी भी व्यक्ती को यह लगता है कि, अण्णा हजारे का व्यक्तिगत बँक अकाऊंट या भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास इस संस्था का बँक अकाऊंट चेक करना है तो, वह कभी भी आ कर चेक कर सकते है। इतनी पारदर्शकता हमने अपने आर्थिक व्यवहार मे रखी है। हम कॅश व्यवहार कभी करते नही। जो भी व्यवहार करते है वो चेक और ड्राफ्ट के माध्यम से ही करते है। इस कारण गलत व्यवहार कभी होता नही। कुछ लोग 200/500 रुपये देते है वह भी चेक या ड्राफ्टसे लिया जाता है।
इस कारण गलत आरोप करनेवालों की कोशिश कभी कामयाब नही हुई।

भवदीय,

कि. बा. तथा अण्णा हजारे






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